[ad_1]
मध्यप्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने शनिवार को सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को फायर और इलेक्ट्रिकल सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने की सख्त हिदायत दी है। यह कदम उत्तर प्रदेश के झांसी में हुए दर्दनाक शिशु वार्ड आग हादसे के बाद उठाया गया, जिसमें 10 नवजात बच्चों की जान चली गई थी। विभाग ने इस घटना के बाद सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रदेश में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है।
फायर और इलेक्ट्रिकल सुरक्षा को लेकर नए नियम लागू
स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट रूप से कहा है कि सभी सरकारी और निजी अस्पतालों, नर्सिंग होम्स और क्लिनिक्स में अब इलेक्ट्रिकल और फायर ऑडिट अनिवार्य होंगे। अस्पतालों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि उनके फायर सिस्टम और फायर एक्सटिंग्विशर ठीक हालत में हों और समय-समय पर इन्हें रिफिल किया जाए। इसके साथ ही, इमरजेंसी एग्जिट्स को हमेशा खुला और सुरक्षित रखने के लिए भी सख्त निर्देश दिए गए हैं, ताकि किसी आपातकालीन स्थिति में जल्दी निकासी हो सके।
संस्था प्रमुख को जिम्मेदार ठहराया जाएगा
स्वास्थ्य विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि इन सुरक्षा नियमों के पालन की पूरी जिम्मेदारी अस्पतालों के प्रमुखों या संस्थाओं के मालिकों की होगी। अगर भविष्य में कोई भी हादसा होता है, तो उसका पूरी तरह से जिम्मेदार संस्था का पालक होगा। विभाग ने यह भी बताया कि अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था की जांच के लिए औचक निरीक्षण किए जाएंगे। अगर जांच में किसी तरह की गड़बड़ी या लापरवाही पाई जाती है, तो संबंधित संस्थान को तुरंत बंद कर दिया जाएगा और संचालकों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
अस्पतालों में सुरक्षा की कमी बर्दाश्त नहीं
स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि अस्पतालों में सुरक्षा मानकों की अवहेलना किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं की जाएगी। यह कदम अस्पतालों में आग जैसी घटनाओं को रोकने और मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है, ताकि भविष्य में ऐसी कोई दुखद घटना न हो।
[ad_2]